आख़िर आठ वर्षों में क्यो नहीं दिए पीडब्लूडी ने उद्यान विभाग के 15250/-???

एसपीटी न्यूज़ संतराम निशरेले प्रधान संपादक
आख़िर आठ वर्षों में क्यो नहीं दिए पीडब्लूडी ने उद्यान विभाग के 15250/-???
नर्मदापुरम यूँ तो नर्मदापुरम अब जिला नहीं संभाग है और यहाँ पहले की अपेक्षा दर्जनों अधिकारियों का डेरा है लेकिन बड़े अफ़सोस और शर्म की बात है कि इन अधिकारियों का डेरा सिर्फ़ इसलिए है कि यहाँ शांति पूर्ण ढंग से अपना नौकरी का समय कट जाए लोगों की समस्या का क्या होगा नातो इस विषय पर चिंता है ना नौकरी के दौरान ली शपथ का ध्यान है , यदि ध्यान हैं तो सिर्फ़ लक्ष्मी माता का ….
हाल में ही एक ऐसा गंभीर मामला सामने आया है जिसमें उप संचालक उद्यान जिला नर्मदापुरम द्वारा कार्यपालन यंत्री लोक निर्माण विभाग संभाग क्रमांक 1 नर्मदापुरम को लगभग एक दर्जन पत्र लिख चुके हैं क्योंकि इनके द्वारा वर्ष 2017-18 मैं श्री आरपी शर्मा सहायक यंत्री इटारसी धर्मकुंडी मार्ग मेसर्स केतन कंस्ट्रक्शन लिमिटेड को पौधारोपण करने के लिए उद्यान अधीक्षक नीमाचा विकासखंड सिवनी मालवा के बिल क्रमांक 01735 दिनांक 1 जुलाई 2017 को एक हज़ार पौधे दिए गए थे जिसकी राशि 15,250 रुपया थी लेकिन दर्जनों बार अनुरोध करने के बाद भी अधिकारी ना तो उप संचालक उद्यान को भुगतान कर रहे हैं ना ही पत्रों का जवाब दे रहे हैं इससे ऐसा प्रतीत होता है कि सरकारी अधिकारी कर्मचारियों को एक दूसरे की मान मर्यादा का कोई ध्यान नहीं है जबकि ये है सिविल सेवा आचरण नियम के उल्लंघन के अंतर्गत आता है
इस मामले में निम्नलिखित कदम उठाए जा सकते हैं:
1. *जांच करवाना*: इस मामले की जांच करवाई जा सकती है ताकि पता चल सके कि वसूली क्यों नहीं की गई।
2. *वसूली की कार्रवाई*: वसूली की कार्रवाई शुरू की जा सकती है और संबंधित व्यक्ति या संस्था से पैसे वसूले जा सकते हैं।
3. *जिम्मेदारी तय करना*: इस मामले में जिम्मेदारी तय की जा सकती है और दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जा सकती है।
यह मामला सरकारी धन की वसूली से जुड़ा है, इसलिए इसका निपटारा जल्द से जल्द किया जाना चाहिए।
वर्ष 2017 में उद्यानिकी विभाग द्वारा पीडब्लूडी को पौधे दिए गए थे, लेकिन अभी तक भुगतान नहीं किया गया है। यह एक गंभीर मुद्दा है जिसमें वरिष्ठ अधिकारियों की भूमिका पर सवाल उठते हैं।
क्योंकि आज तक वरिष्ठ अधिकारियों ने इस मामले में संज्ञान क्यो नहीं लिया? अगर नहीं, तो क्यों नहीं? यह एक चिंता का विषय है और इसके लिए जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए।
इस मामले में पारदर्शिता और जवाबदेही की मांग की जा रही है ताकि सरकारी धन के उपयोग में अनियमितता और सरकारी धन बर्बाद ना हो और लापरवाही अधिकारी पर कठोर कार्रवाई होना चाहिए
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