उच्च शिक्षा विभाग में उच्च स्तरीय फ़र्ज़ीवाड़े की आशंका ,मामला MGM कॉलेज इटारसी का

एसपीटी न्यूज़ संतराम निशरेले प्रधान संपादक
*महात्मा गांधी स्मृति स्नातकोत्तर महाविद्यालय में वित्तीय अनियमितता*की बड़ी आशंका
नर्मदापुरम जिले की सबसे नजदीक तहसील इटारसी के शासकीय महात्मा गांधी स्मृति स्नातकोत्तर महाविद्यालय में एक बड़ा वित्तीय अनियमितता मामला सामने आया है। आरोप है कि वर्ष 2020 से आज तक इस महाविद्यालय का किसी भी संस्थान द्वारा ऑडिट नहीं कराया गया है, जो कि वित्तीय अनियमितता के दायरे में आता है और भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने जैसा है।
*ऑडिट की अनदेखी*क्यो
महाविद्यालय के अधिकारियों पर आरोप है कि उन्होंने जानबूझकर ऑडिट की अनदेखी की, जिससे वित्तीय अनियमितताएं बढ़ सकती हैं और भ्रष्टाचार को बढ़ावा मिल सकता है। ऑडिट एक महत्वपूर्ण प्रक्रिया है जो वित्तीय लेन-देन की जांच करती है और सुनिश्चित करती है कि धन का सही उपयोग हो रहा है।
क्या है मामला?
वर्ष 2020 से आज तक महाविद्यालय का ऑडिट नहीं कराया गया है, जो कि एक गंभीर मामला है। इससे यह सवाल उठता है कि महाविद्यालय के अधिकारियों ने किस तरह से वित्तीय लेन-देन किया और क्या इसमें कोई अनियमितता तो नहीं हुई है?लेकिन यहाँ ऐसा मामला नहीं है यहाँ सिर्फ़ और सिर्फ़ जेब भरने का मामला है क्योंकि अनेक प्रकार के मदो मेकई प्रोग्राम के लिए और अन्य ख़र्चे के लिए उच्च शिक्षा विभाग और शासन द्वारा करोड़ों रुपये की राशि आती है क्योंकि इस राशि को ठिकाना लगाने का काम भी बाबु और विभाग के मुखिया प्राचार्य का ही होता है उस राशि का ठिकाना हम कैसे लगा रहे हैं यह तो क्रिया कलाप ही बताते हैं और जिसमें इतने कई वर्षों से ऑडिट ना होना साफ़ ज़ाहिर हो रहा है कि भ्रष्टाचार और अत्याधिक पैसे कमाने की लालसा सामने आ रही है इसी लिए उच्च अधिकारियों की आँखों में मिर्ची डालकर समय निकालते जा रहे हैं और राशि को ख़र्चे किए जा रहे हैं यदि ऑडिट होगा तो आपत्तियां आएगी ,तो इससे बेहतर यह समझा विभाग ने की ऑडिट ही नहीं कर रहे है और यह MGM कॉलेज ने बख़ूबी निभाया है
*जवाबदेही तय हो*
इस मामले में महाविद्यालय के अधिकारियों की जवाबदेही तय होनी चाहिए। उच्च अधिकारियों को इस मामले की जांच करनी चाहिए और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए। साथ ही, महाविद्यालय में वित्तीय लेन-देन के लिए निर्धारित नियमों और प्रक्रियाओं का पालन सुनिश्चित करना चाहिए।
कलेक्टरों और कमिश्नरों को भी ध्यान देना चाहिए
महाविद्यालय में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करना आवश्यक है। इससे वित्तीय अनियमितताओं को रोकने में मदद मिल सकती है और विद्यार्थियों कि भविष्य निधि जैसी राशि का दुरुपयोग रूखेगा तो निश्चित तौर पर हमारे यहाँ के होनहार विद्यार्थी आज नहीं तो कल उच्च स्थानों पर पहुंचेंगे और आज जो भी अधिकारी हैं कर्मचारी है कलेक्टर हो या कमिश्नर की हो या कोई अन्य अधिकारी हो उन्हें भी किसी न किसी कॉलेज से शिक्षा ली है अब उनका दायित्व बनता है कि अपने फ़र्ज़ और पद का मान सम्मान रखते हुए अन्य विद्यार्थियों के भविष्य को भी साभार ने और सुधारने में सहयोग करें क्योंकि आज कलेक्टर और कमिशनर उस मुक़ाम पर होते हैं जहाँ लाखों करोड़ों के भविष्य के निर्माता होते हैं और लाखों करोड़ों विद्यार्थियों की लालसा होती है कि कोई अधिकारी भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाएं तो हमारा भविष्य बन जाए और MGM कॉलेज की की प्राचार्य Dr. Rakesh mehta और एकाउंटेंट लापरवाही अधिकारियों पर ऐसी कठोर कार्रवाई की जाए कि शासकीय धन के दुरुपयोग करने की तरफ़ नज़र भी न आ जाए
क्या कहा प्राचार्य डॉक्टर राकेश मेहता ने
जब हमारे द्वारा शासकीय महात्मा गांधी महाविद्यालय इटारसी के लेटर हेड पर अंकित मोबाइल नंबर 07572240916 पर फ़ोन किया तो उन्होंने हमारे फ़ोन को रिसीव नहीं किया
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