फ़र्ज़ी तरीक़े से प्राप्त की अनुकंपा नियुक्ति के मामलों की जाँच विधायक और मुख्यमंत्री की शरण में
फ़र्ज़ी तरीक़े से प्राप्त की अनुकंपा नियुक्ति के मामलों की जाँच विधायक और मुख्यमंत्री की शरण में
(एसपीटी न्यूज़नर्मदापुरम संतराम निशरेले प्रधान संपादक)
दी गई अनुकंपा नियुक्तियां उचित है या अनुचित इनकी जांच के लिए विधायक व मुख्यमंत्री से मजदूर संघ ने लगाई गुहार :-
नर्मदापुरम - मामला नगरपालिका परिषद नर्मदपुरम का है जहां अनुकंपा के लिए तमाम हथकण्डे अपनाकर नौकरी हाशिल की है इसको लेकर भा.म.सं. से संबद्ध न.पा.कर्म. मजदूर संघ के कार्यकारी अध्यक्ष महेश वर्मा ने बताया है कि माह जून 2006 में चाचा के स्थान पर दिये गये नामिनी शपथपत्र, वैध उत्तराधिकारी प्रमाण, नामिनी डी फार्म को प्राथमिकता देकर आश्रित भतीजे को चपरासी के पद पर नगरपालिका में अनुकंपा नियुक्ति पर पद स्थापना दी गई है इसमें दिलचस्प बात यह है कि जो पहला नामिनी है उसने अपने नाम से स्टाम्प खरीदा दूसरे नामिनी के लिए शपथपत्र चाचा के नाम पर तैयार करवाया गया और अपना अभिमत भी चाचा के शपथपत्र पर दिया गया कि दूसरे नामिनी को अनुकंपा नियुक्ति दी जाये उसे कोई आपत्ती नही है शपथ कर्ता चाचा जिसके जीवन का अंतिम समय चल रहा है हस्ताक्षर करने कि स्थिति में नहीं है उसका प्रमाणीकरण शासकीय डाक्टर के द्वारा नहीं किया गया और न ही शपथ दिलाने वाले अधिवक्ता नोटरी ने हस्ताक्षर न करने कि स्थिति पर अपनी लिखित टीप दी है, वैध उत्तराधिकारी प्रमाण पत्र में पारिवारिक सदस्यों के शपथपत्र व अन्य खाना पूर्ति नहीं कि गई मृतक कि पत्नी का सहमति या शपथपत्र अनुकंपा को लेकर नहीं लिया गया और न ही मृतक कि पत्नी को सभी देयक राशि व पारिवारिक पेंशन का लाभ भतीजो ने नहीं लेने दिया व उसको अपने जीवन यापन को लेकर किसी भी प्रकार कि पोषण राशि दी जा रही है
नगरपालिका में जिस भतीजे को चाचा का आश्रित मानकर चपरासी के पद पर अनुकंपा नियुक्ति दी गई है उनके पिता भूमि विकास बैंक से पर्यवेक्षक के पद से माह अक्टूबर 2010 में सेवानिवृत्त होते हैं और पुत्र को माह जून 2006 में अनुकंपा नियुक्ति का लाभ अनुकंपा नियुक्ति नियमावली के विपरित दिया जाता है इस अनुकंपा नियुक्ति में नामिनी, गोदनामा समय, पारिवारिक सदस्यों कि व मृतक कि पत्नी की सहमति या शपथपत्र न देना जैसे सवाल पर सवाल खड़े हैं जिनकी जांच होना अतिआवश्यक है वही दूसरी तरफ अनुकंपा नियुक्ति नियमावली को ताक में रखकर आत्महत्या करने वाले कर्मचारियों के आश्रितों को विभागीय वरिष्ठ कार्यालय कि अनुशंसा पर तीन आश्रितों को अनुकंपा नियुक्ति दी गई है चौथे आश्रित आत्महत्या वाले को आजतक अनुकंपा नियुक्ति के लाभ से वंचित करके रखा है यदि विभागीय वरिष्ठ कार्यालय कि अनुशंसा पर अनुकंपा नियुक्तियां देकर अनुकंपा नियुक्ति नियमावली का महत्व ही खत्म कर दिया गया है
नगरपालिका में अम्रत पेयजल योजना, प्रधानमंत्री आवास योजना, क्रय की गई सामग्री, 644 फाइल भुगतान में आर्थिक अनिमित्ताये जैसे बड़े बड़े घोटाले किये गये है अनुकंपा नियुक्ति घोटाला में मजदूर संघ ने प्रशासन से लेकर शासन तक सभी का ध्यानाकर्षित करवाया है विधायक जी व मुख्यमंत्री जी को शिकायत पत्र देकर अपेक्षा कि है की नगरपालिका में चाचा के स्थान पर एवं आत्महत्या के बाद आश्रितों को जो अनुकंपा नियुक्तियां दी गई है वह उचित है या अनुचित इनकी जांच करवाई जावे यदि दी गई अनुकंपा नियुक्तियां अनुचित है तो सभी आश्रितों से दिये गये मासिक वेतन व अन्य देयक भुगतान राशि की रिकवरी के साथ ही बर्खास्त करने कि कार्यवाही करते हुए अन्य विधि सम्मत कार्यवाही कि जावे
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