बेतुकी अमृत योजना से शहर की टूटी फूटी बदहाल सड़कों के बीच से गुजरेंगे उद्योगपति
(एसपीटी न्यूज़ नर्मदापुरम सन्तराम निशरेले प्रधानसंपादक)।
बेतुकी अमृत योजना से शहर की टूटी फूटी बदहाल सड़कों के बीच से गुजरेंगे उद्योगपति
पावन नगरी को बदसूरत करने वाली बेढंगी योजना से बदनाम होगा नर्मदापुरम
नर्मदापुरम।
नर्मदापुरम में आगामी 7 दिसंबर2024 को संभावित रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव के लिए कवायद हो रही है। इसके लिए पूरा शहर दुल्हन की तरह सजा होगा और अमृत योजना के चलते रोड नालियां यहाँ के नेता प्रशासनिक अधिकारी का बौद्धिक स्तर बताएगी मध्यप्रदेश शासन के औद्योगिक नीति और निवेश प्रोत्साहन विभाग तथा मप्र इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट कॉरपोरेशन द्वारा रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव का आयोजन होना है। इस कॉन्क्लेव के अंतर्गत एक डिस्प्ले एवं सेलिंग प्रदर्शनी का भी आयोजन किया जाएगा। जिसमें उद्योगपति और उत्पादक अपने उत्पादों को प्रदर्शित करने और बेचने लिए आएंगे। शासन व प्रशासन स्तर से उन्हें बुलवाने के पूरे प्रयास किए जा रहे हैं। प्रदेश के अन्य संभागों की भांति यहां पर होने वाली इस इंवेस्टर मीट जैसे आयोजन को तैयार तो एक माह पूर्व से शुरू हो गई हैं। लेकिन सवाल यह उठ रहा है कि बीते अनेक माहों से बेतुकी अमृत योजना के माध्यम से शहर के हर गली मोहल्ले मुख्य सड़कों का सत्यानाश कर दिया है। मां नर्मदा की पावन नगरी को बदसूरत करने में अहम भूमिका निभाने वाली बेढंगी अमृत योजना से जो सड़कों की दुर्दशा हुई है क्या उससे होकर उद्योगपति गुजरेंगे। तब वे इस शहर के बदहाल नक्शे को अपने जेहन में लेकर जाएंगेे तो नर्मदापुरम बदनाम ही होना है।
उद्योगों, उत्पादकों और व्यापारियों को अपने उत्पादों को व्यापक दर्शकों तक पहुंचाने का एक अवसर आ रहा नर्मदापुरम क्षेत्र में औद्योगिक विकास को बढ़ावा देने की कवायद होना है। पहले भी ऐसी ही एक कवायद पूर्व में रेशम विभाग में हो चुकी है। लेकिन उसके परिणाम निरर्थक ही रहे हैं। शायद उसी तर्ज पर देश व प्रदेश की राशि का सत्यानाश करने का प्लान बनाया जा रहा है।
किसी ठेकेदार विशेष को उपकृत करने का प्रयास तो नहीं है। ऐसे प्रश्न लोगों के जेहन में अभी से तैर रहे हैं। क्योंकि नर्मदांचल के नागरिकों का इन्वेस्टर मीट जैसे आयोजन का कटु अनुभव रहा है। ऐसा दोबारा नहीं होना चाहिए।
नाटक नौटंकी नहीं वास्तविकता होना चाहिए
उद्योग धंधे लगाने तथा उद्योग पतियों को जिले में जगह उपलब्ध कराने उन्हें बेरोजगार युवाओं को रोजगार प्रदान करने के साधन उपलब्ध कराने के लिए आगे आने उद्योग लगाने के लिए सुविधा देने के नाम पर कोरी कल्पनाएं नहीं की जानी चाहिए जैसे कि एक दो बार मुहासा, कीरतपुर तथा डोलरिया में आयोजन करके शासन प्रशासन के लोग भूल भुलैया का खेल खेलते रहते हेैं। जिससे प्रदेश व देश के लोगों की खरे पसीने की कमाई के रूप में जो टेक्स की राशि शासन के पास आती है उस राशि का जिस प्रकार दुरूपयोग होता है ऐसा नहीं होना चाहिए। क्योंकि एक बार जो रेशम कार्यालय में उद्योग पतियों को बुलाया गया था, मुहासा में बुलाया गया था, कीरतपुर में कुछ उद्योग लगाने की बातें होती रही लेकिन वहां पर अभी तक कोई सार्थक कार्य नहीं हो सके हैं। डोलरिया में भी स्पात उद्योग लगाने की नौटंकी बहुत जोरदार तरीके से हुई थी वहां हुआ कुछ नहीं। क्या ऐसा ही कुछ आईटीआई में आने वाली भीड़ के बाद होने वाला है?
संभागीय आइटीआइ में बरसों से चल रहे फ़र्ज़ीवाड़े की भी खुलेगी पोल।
संभाग स्तर पर संचालित शासकीय आईटीआइ यु तो तो संभाग की सबसे बड़ी संस्थान है लेकिन क्षेत्रफल की दृष्टि से ...यहाँ की शिक्षा की गुणवत्ता के स्तर पर नहीं यहाँ सिर्फ़ अधिकारी कमाने के लिए आते हैं और अपना उल्लू सीधा करके दावे पैर ट्रांसफर कराके चले जाते हैं और यह मानते हैं कि हमने सबकी आँखों में मिर्ची झोक दी लेकिन यह भूल जाते हैं कि रिकॉर्ड यही है सूत्र बताते हैं कि होने वाले एक बड़े आयोजन के दौरान यहाँ के फ़र्ज़ीवाड़े से संबंधित दस्तावेज़ उनके सामने रखे जाएंगे ताकि देश विदेश से आने वाले उद्योगपतियों को और राजनैतिक प्रशासनिक अधिकारियों को यह पता चल जाए कि हमारी आँखों के सामने क्या हो रहा है इस बात की पोल खोलने के लिए निरंतर तैयारी की जा रही है
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