फर्जीवाडे का नया फंडा पेड वाय मी....... ,मामला शा.कन्या महाविद्यालय इटारसी का
फर्जीवाडे का नया फंडा पेड वाय मी....... ,मामला शा.कन्या महाविद्यालय इटारसी का
(एसपीटी न्यूज संतराम निषरेले प्रधान संपादक)
नर्मदापुरम संभाग में जिस कार्यालय या संस्थान के दस्तावेजों को देखेगे तो नये नये तरीके स ेचल रख्े फर्जीगेमो की जानकारी मिलेगी । लगभग 1000 पेजो की जानकारी में 2000 फर्जी तरीके सामने आये है । जिसमें पेड वाय मी के माध्यम से लाखों का चूना बडे आसान तरीके से लगाया गया है । यह मामला ष्षासकीय कन्या महाविद्यालय इटारसी जिला नर्मदापुरम का है जहॉ सारे नियमों को ताख में रख कर भुगतान किये गये है । हजार पेजो की जानकारी में यह देखा गया है कि जिस कर्मचारी की जितनी पेमेंट नही है उसने उससे ज्यादा का भुगतान किया है वह भी खुद की जेव से आखिर कैसे । यह चिंता का विषय है । क्या यह कर्मचारी ने अपनी पूरी तनखा कालेज के बिलो को भुगतान करने में ही उपयोग की है लेकिन यदि ऐसा भी किया है तो भी सही है लेकिन तनखा से ज्यादा पैसों का भुगतान केसे यह तो चिंता की बात नही जॉच की बात है इस पर तो जॉच होना चाहिये ताकी वास्तिवक कहानी सामने आ सकेें और फर्जी अधिकारी पर कार्यवाही हो
बिलो का भुगतान नगद क्यों किया गया है.. - फर्जीवाडे को रोकने के लिये षासन ने बिलो के भुगतान के लिये चेक या सीधे खातें में भुगतान करने का दिषा निर्देष जारी किये है फिर षा कन्या महाविद्यालय में इसका पालन क्यों नही किया जा रहा है । यह चिंता का विषय नही जॉच का विषय है । इस संबंध में षिकायत उच्च षिक्षा विभाग भोपाल के अलावा जिला कलेक्टर,नर्मदापुरम एवं कमिष्नर को लिखित षिकायत साक्ष्यों के साथ की गई है लेकिन अभी तक न तो जॉच कमेटी बनाई गई है न जॉच ष्षुरू की है । जिससे ऐसा प्रतीत होता है कि समस्त साक्ष्यों के साथ माननीय न्यायलय में जाकर नियम विरूद्व काम करने बालों के खिलाफ कार्यवाही करने के लिये जाना उचित होगा ।
बिल किसी नाम का और भुगतान किसी नाम को -जी हॉ यह बात सही है क्यों कि यह बात हम नही कह रहे है सूचना का अधिकार अंतर्गत प्राप्त जानकारी कह रही है ष्षा कन्या महाविद्यालय इटारसी की जहॉ बिल तो सिर्फ दिखावे के लिये लिये गये है । ताकि लोगो को दिखाया जा सके कि हमने बिना बिल के भुगतान नही किया है । लेकिन यह कौन बताये इन्हें कि आपने बिल तो लिये है लेकिन नियमों का ज्ञान क्यों नही है ं या जानबूझ का राषि हडपने के लिये बिल लिये गये है ं और बिल किसी नाम का और भुगतान किसी और नाम को किया गया है यह चमत्कार एक षिक्षा विभाग में होना चमत्कार से कम नही है ं यहॉ का प्रत्येक बिल कुछ न कुछ षिक्षा दे रहा है और प्रत्येक बिल से फर्जीवाडे की बू आ रही है ।
जनभागीदारी समिति का पैसा नियमविरूद्व खर्च किया गया है -वेसे तो भारत सरकार के तकनीकी षिक्षा गुणवता सुधार कार्यक्रम के माध्यम से संस्था का बहुमुखीय विकास जिसमे सामूुदायिक सेवाये एवं ष्षैक्षणिक उत्कृष्टता के क्रियाकलाप संमिलित है छात्रो और षिक्षकों को पठन पाठन के लिये पुस्तके तकनीकी प़ित्रकाऐ जैसी सुबिधाओं के लिये जनभागीदारी समिति का निमाण किया जाता रहा है लेकिन ष्षा कन्या महाविद्यालय में खुद का विकास के लिये है सायद इसलिये नियमों के खिलाफ खर्चे किय गये है ं
आडिट भी फर्जी हो रहा है पैसा के बदले -जब नियम विरूद्व बिल लगाये गये है और नियम बिरूद्व मद की राषि खर्च की जा रही है तो आडिटर को यह बात समय क्यों नही आती क्या परषेनटेज का कमाल है । या ज्ञान की कमी है और यदि यह दोनो ही बात है तो बरिष्ट अधिकारियों को इस बात का संज्ञान लेना चाहिये ताकि षासन स्तर पर सुधार हो सकें और छात्रो की सुविधा की राषि का उपयोग भ्रष्ट अधिकारी कर्मचारियों की कमाई का साधन न बने । और ऐसे आडिटरों को तत्कान सेवा से वर्खास्त किया जाये ताकि भ्रष्टाचार पर लगाम लगाई जा सकें ।
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