वन विभाग के वरिष्ठ अधिकारी मोहन लाल मीणा एपी सी सी एफ पर महिला बन कर्मी से छेड़-छाड़ करने पर एफ़आइआर दर्ज
एसपीटी न्यूज़ बड़े शर्म की बात है कि सास की सेवा में ज्वाइन होने पर ही संविधान की शपथ लेने वाले ग्रेट वन अधिकारी इस तरह कि यदि हरकत करते हैं तो इनको ऐसी सजा देनी चाहिए जो फाँसी से कम न हो और इन्होंने जिस विभाग से जितना वेतन पाया है वह सभी रिकवर भी होना चाहिए हाल में ही एक मामला जो कि
वन विभाग बैतूल में 2021 में पदस्थ (तत्कालीन) सीसीएफ मोहन लाल मीणा के बहुचर्चित महिला वनकर्मियों के उत्पीड़न और छेड़छाड़ के मामले में महिला फारेस्ट गाडाँ की शिकायत पर सोमवार रात को केस दर्ज किया गया। जांच के चार साल बाद के जांच प्रतिवेदन एसपी निश्चल झारिया के पास पहुंचा। इसके बाद आईएफएस अधिकारी के खिलाफ धारा 354 ओर 354 (ए) के तहत एफआईआर दर्ज की। वर्तमान में मोहन लाल मीणा भोपाल में एपीसीसीएफ हैं। वर्ष 2021 में बैतूल वन वृत में बपुर सीसीएफ रहे मोहन लाल मीणा के खिलाफ बैतूल की महिला वनकर्मियों ने कार्यस्थल पर उत्पीड़न के अलावा फोन पर घर बुलाने, फील्ड में अकेले साथ चलने के लिए दबाव बनाने की शिकायत प्रमुख सचिव वन को की थी। प्रमुख सचिव वन ने दो अलग- अलग जांच दल बनाकर बैतूल भेजे थे। जांच दलों ने पुलिस की सहायता से आरोपों के आधार पर सीडीआर की कॉपी निकाली और उसके साथ 24 पेज का जांच प्रतिवेदन 2021 में ही वन बल प्रमुख को सौंप था। इसके बाद तत्कालीन सीसीएफ मोहन लाल मीणा को निलंबित कर भोपाल भेज दिया था, लेकिन जांच दल ने रिपोर्ट के आधार पर मीणा के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज नहीं करवाया था। लगातार हुई शिकायतों के बाद सोमवार रात में गंज थाने में महिला वनकर्मी के पहले बयान दर्ज हुए, इसके आधार केस दर्ज किया गया। भोपाल से ही एसपी के पास आई थी जांच रिपोर्ट मामले में चार साल पहले जांच होने के बाद मामला ठंडे बस्ते में चला गया था। लगातार शिकायतों के बाद एसपी के पास जांच रिपोर्ट पहुंची। इसके बाद पुलिस ने महिला वनकर्मी को बुलवाकर बयान लिए। महिला वनकर्मी की शिकायत पर थाने में केस दर्ज किया गया। वर्तमान में मोहन लाल मीणा एपीसीसीएफ निगरानी और मूल्यांकन भोपाल में पदस्थ हैं। • एक अधिकारी के खिलाफ भोपाल से जांच रिपोर्ट आई थी। जांच रिपोर्ट के बाद महिला वनकर्मी को बुलाकर गंज थाने में एफआईआर दर्ज करवाई गई है। - निश्चल झारिया,एसपी बैतूल
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