MGM कॉलेज, इटारसी में 'Paid by Me' घोटाले का पर्दाफाश
MGM कॉलेज, इटारसी में 'Paid by Me' घोटाले का पर्दाफाश
एसपीटी न्यूज़ संतराम निशरेले प्रधान संपादक
"MGM कॉलेज, इटारसी में लाखों का 'Paid by Me' घोटाला: नियम ताक पर, फंड का हुआ दुरुपयोग; प्रशासन पर उठे सवाल"
होशंगाबाद जिले (अब नर्मदापुरम) के प्रतिष्ठित महात्मा गांधी इस स्नातकोत्तर महाविद्यालय(MGM) कॉलेज, इटारसी में वित्तीय नियमों की अनदेखी कर लाखों रुपये का अनियमित भुगतान किए जाने का सनसनीखेज मामला सामने आया है। सूचना के अधिकार से मिली जानकारी के अनुसार, कॉलेज प्रशासन ने कई आवश्यक और गैर-आवश्यक मदों पर हुए खर्चों को 'Paid by Me' या 'Self-paid' के नाम पर पास कर दिया, जबकि सरकारी खरीद और भुगतान के नियमों के तहत ऐसा करना पूरी तरह से नियम विरुद्ध है और गंभीर वित्तीय अनियमितता की श्रेणी में आता है। लेकिन प्राचार्य और एकाउंटेंट की मिलीभगत से लाखों रुपया के बिल प्रतिमाह भुगतान किए गए हैं योगी अनियमितता के साथ ग़बन के दायरे में भी आते हैं क्योंकि ऐसे एक बिल नहीं है हज़ारों बिल है जिसका भुगतान नियम विरुद्ध हुआ है
अनियमितता का विवरण (Details of Irregularity)
1. नियमों का उल्लंघन और भुगतान का तरीका
• अनियमितता: 'Paid by Me' भुगतान का अर्थ है कि पहले किसी कर्मचारी ने भी अपनी जेब से खर्च किया, और फिर कॉलेज के फंड से उसे वह राशि वापस (Reimburse) की गई।
• सरकारी नियम: सरकारी संस्थाओं में GeM पोर्टल या निर्धारित टेंडर प्रक्रिया के माध्यम से ही खरीद और सेवाओं का भुगतान किया जाता है। बड़ी रकम के लिए कोटेशन या टेंडर अनिवार्य होता है।
• नियम विरुद्ध कार्य: लाखों का भुगतान 'Paid by Me' के माध्यम से करना खरीद प्रक्रिया में पारदर्शिता को खत्म करता है, जिससे यह पता लगाना मुश्किल हो जाता है कि सामग्री/सेवाएँ किस दर पर और किससे खरीदी गईं।
2. भुगतान की राशि और समय अवधि
• आँकड़े जो जानकारी सूचना के अधिकार से संतराम निशरेले ने प्राप्त की है:उसके अनुसार प्रारंभिक अनुमानों के अनुसार, यह अनियमित भुगतान पिछले दो वर्षों के दौरान किया गया है, जिसकी कुल राशि दस लाखों रुपये के आसपास है
• खर्च की मदें: आशंका है कि यह भुगतान स्टेशनरी, मरम्मत कार्य, छोटे निर्माण कार्य, या यहाँ तक कि उपकरणों की खरीद जैसी मदों में किया गया है। इन सभी मदों में 'Paid by Me' भुगतान की कोई गुंजाइश नहीं होती।
3. फंड के दुरुपयोग की आशंका
• जानकारों के मुताबिक, इस तरीके का इस्तेमाल अक्सर फर्जी बिलों को पास करने या बाजार दर से अधिक कीमतों पर खरीदारी दिखाने के लिए किया जाता है।
• यह प्रक्रिया कॉलेज के ऑडिट को भी प्रभावित करती है, जिससे सरकारी फंड के दुरुपयोग या गबन की जाँच करना मुश्किल हो जाता है।
प्रशासन और अधिकारियों की प्रतिक्रिया (Reaction of Administration)
• कॉलेज प्राचार्य का पक्ष: जब इस विषय पर [प्राचार्य से संपर्क किया गया, तो उन्होंने इस तरह के अनियमित भुगतान मामले पर कोई भी टिप्पणी करने से इनकार कर दिया।)
• उच्च शिक्षा विभाग: उच्च शिक्षा विभाग के क्षेत्रीय अधिकारी ने बताया कि "यह एक गंभीर मामला है। हम तुरंत कॉलेज से पूरे खर्च का विस्तृत ब्यौरा मांगेंगे और नियमों के उल्लंघन की पुष्टि होने पर संबंधित अधिकारियों के खिलाफ जाँच बिठाई जाएगी और कड़ी अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।"
निष्कर्ष और मांग (Conclusion and Demand)
MGM कॉलेज में सामने आई यह वित्तीय अनियमितता दर्शाती है कि स्थानीय स्तर पर सरकारी संस्थानों में जवाबदेही की कमी है। यह आवश्यक है कि उच्च शिक्षा विभाग इस मामले की तत्काल और निष्पक्ष जाँच कराए, दोषी अधिकारियों/कर्मचारियों पर कार्रवाई करे, और यह सुनिश्चित करे कि भविष्य में कॉलेज में सभी वित्तीय लेन-देन सरकारी नियमों के अनुसार पारदर्शी तरीके से हों।
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