आरटीओ पर लगाया 25 हज़ार का जुर्माना
एसपीटी न्यूज़ नर्मदापुरम
नर्मदापुरम हाई कोर्ट के निर्णय से लोगों के चेहरे पर ख़ुशी दिखाई दी क्योंकि अभी तक अक्सर RTO बस चालक या अन्य वाहन चालकों पर जुर्माना लगाया करते थे ऐसे मौक़े बहुत कम होते हैं जब किसी adhikaari ke ऊपर न्यायालय ke माध्यम से कोई जुर्माना लगाया हो ,हाल में ही ऐसा मामला नर्मदापुरम RTO का सामने आया है बस संचालक मो. इकबाल द्वारा हाई कोर्ट में एक याचिका प्रस्तुत करते हुए आरटीए सचिव (आरटीओ) नर्मदापुरम द्वारा अस्थाई परमिट के संबंध में पारित आदेश को चुनौती दी। याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता ब्रजेश दुबे एवं अधिवक्ता सूरज प्रकाश अग्रवाल ने पैरवी की। इसकी सुनवाई न्यायाधीश जीएस अहलूवालिया की एकल पीठ में हुई। सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के अधिवक्ता बृजेश दुबे ने कोर्ट को
बताया कि अस्थाई परमिट जिला पंचायत की सदस्य की अनुशंसा पर दिया गया है, जबकि मोटर व्हीकल एक्ट के तहत जनप्रतिनिधि या राजनैतिक व्यक्ति परमिट जारी करने अनुशंसा कर नहीं सकते हैं। अधिवक्ता दुबे ने सुप्रीम कोर्ट द्वारा पंचम चंद विरुद्ध हिमाचल राज्य में पारित आदेश का हवाला दिया, जिसमें मुख्यमंत्री की अनुशंसा में दिए गए परमिट को कोर्ट ने अवैधानिक माना था। मुख्यमंत्री के ऊपर एक लाख रुपए की कास्ट लगाई थी। अधिवक्ता बृजेश दुबे ने यह भी तर्क दिया की परमिट आदेश
में परमिट 30 जून तक के लिए दिया गया था, लेकिन परमिट 31 जुलाई + तक जारी कर दिया गया। इस तरह अस्थाई परमिट जारी के करने में घोर अनियमितताएं की गई हैं। उच्च न्यायालय ने प्रकरण की गंभीरता को देखते हुए, कोर्ट के समक्ष संपूर्ण रिकॉर्ड प्रस्तुत करने आदेश दिया परंतु जब कोर्ट द्वारा निर्धारित किए गए समय में रिकॉर्ड उपलब्ध नहीं हुआ, तब सचिव आरटीए द्वारा पारित आदेश एवं अस्थाई अनुज्ञा पर स्थगन देते हुए आरटीओ नर्मदापुरम पर 25 हजार कास्ट लगाई। जिसे 22 जुलाई तक जमा करना है।
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