कृषि उपज मंडी नर्मदापुरम में फ़र्ज़ी बिलों से लाखों के किए जा रहे भुगतान
संतराम निशरेले प्रधान संपादक
सपीटी न्यूज़ नर्मदापुरम कृषि उपज मंडी समिति नर्मदापुरम में इन दिनों फ़र्ज़ी एवं मन गणित बिलों के माध्यम से सरकारी राशि को चूना लगाया जा रहा है और यह खेल संबंधित लिपिक एवं सचिव के माध्यम से किए जा रहे हैं और यहाँ के बिलों की यदि हम बात करें तो ऐसा लगता है कि नातो सचिव पढ़े लिखे है और न ही एकाउंटेंट या हम यह कह सकते हैं कि कार्यालय तो सरकारी है लेकिन नियम इनके घर के हैं क्योंकी जो बाउचर प्रिंटेड है उसके कुछ कॉलम को यदि कोई न पड़ सके तो यही समझा जाएगा कि शायद पढ़ना नहीं आया इसलिए उसको आगे कम्पलीट नहीं किया है या समझ से परे हैं तो यह पढ़ना नहीं आया है और यह सभी बातें उनके कार्यालय से प्राप्त दस्तावेज़ बता रहे हैं बड़े शर्म की बात है कि जिन अधिकारियों को ज़िम्मेदारी शासन ने दी है वहीं निभाने में सक्षम नहीं हैं ऐसे अधिकारियों पर तत्काल कार्रवाई कर अपने पद से बर्खास्त किया जाना चाहिए ताकि शासन को चूना लगाने की प्रक्रिया में विराम लग सके
विल और बाउचरो का नहीं है ज्ञान
जी हाँ हम बात कर रहे हैं कृषि उपज मंडी नर्मदापुरम की जहाँ पर जिस बिल या बाउचर के माध्यम से पैसों का लेन देन किया गया है वह उन्होंने नियम अनुसार कम्पलीट नहीं किया है यहाँ तक कि बाउचर के प्रत्येक कॉलम ख़ाली छोड़ दिए गए हैं लेकिन जो काम का कॉलम है जहाँ राशि लिखना है वो ज़रूर लिखी है इससे साफ़ ज़ाहिर यह तो हो रहा है कि यहाँ पैसे की पकड़ है परंतु कागज़ी ज्ञान नहीं है इसलिए सारे नियम क़ानून को ताक में रखकर जमकर पैसा कमाया जा रहा है कृषि उपज मंडी समिति की पोल पट्टी की जानकारी के लिए निरंतर ख़बर को पढ़ते रहिए और हम भी निरंतर मंडी के फ़र्ज़ीवाड़े को उजागर करते रहेंगे हंड्रेड परसेंट सही और सबूत के साथ
- ब्लैंक बाउचर की अद्भुत कहानी
हम बात कर रहे हैं 2/9/24 में जारी हुए बाउचर की जिस पर नातो बाउचर नंबर है ना बाउचर डेट है ना और ना ही रिसीव करने वाले के हस्ताक्षर है इतना ही नहीं है बाउचर में अंकित राशि को भी ओवरराइड करकर निकाला गया है43960/- रुपये की राशि निकालने के लिए नियमानुसार received टिकेट का लगाना अनिवार्य है लेकिन यहाँ शायद नियम नहीं चलते होगे या यहाँ के वरिष्ठ अधिकारियों की मिलीभगत होगी
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