स्प्रिंगडेल्स सीनियर सेकेंडरी स्कूल के विद्यार्थियों ने गणेशोत्सव पर "रोबोटिक गणेश और मूषक" बनाया
एसपीटी न्यूज़ नर्मदापुरम
स्प्रिंगडेल्स सीनियर सेकेंडरी स्कूल के विद्यार्थियों ने गणेशोत्सव पर "रोबोटिक गणेश और मूषक" बनाया
नर्मदापुरम – स्प्रिंगडेल्स सीनियर सेकेंडरी स्कूल के छात्रों ने गणेश चतुर्थी के अवसर पर कंप्यूटर प्रोग्रामिंग, अभियांत्रिकी, रोबोटिक्स एवं आधुनिक तकनीक की मदद से रोबोटिक प्रदर्शनी बनाकर प्रस्तुत की। इस प्रोजेक्ट ने तकनीकी और सांस्कृतिक महत्व से सभी देखने वालों का ध्यान आकर्षित किया।
इस रोबोटिक मॉडल में भगवान गणेश जी को बैठे हुए दिखाया गया है, जिनका वाहन मूषक बगीचे में उनके सामने मौजूद है। जैसे ही कोई व्यक्ति मूषक के पास आता है, एक प्रोक्सिमिटी सेंसर उसे पहचानता है, और मूषक अपने हाथ नीचे कर के बगीचे से दूर्वा उठाता है और श्री गणेश जी की ओर मुड़ कर उसे उनके चरणों में समर्पित करता है। इसके बाद गणेश जी अपने हाथ में लिए मोदक को नीचे कर के मूषक को मोदक खिलाते हैं साथ ही इसी समय मधुर संगीत भी बजने लगता है। ऐसा प्रदर्शनी में दिखाया गया है।
कुछ देर बाद गणेश जी के हाथ फिर ऊपर उठ जाते हैं और मूषक वापस मुड़ कर बगीचे की ओर बैठ जाता है। इस अनोखे सांस्कृतिक और तकनीकी मेल वाले प्रोजेक्ट के प्रदर्शन ने सभी का दिल जीत लिया।
विद्यालय की प्राचार्य श्रीमती मोना चटर्जी ने इस प्रोजेक्ट से जुड़े छात्रों की सराहना करते हुए कहा कि विद्यालय में छात्रों को ऐसे प्रोजेक्ट्स के माध्यम से तकनीकी ज्ञान के साथ पारंपरिक त्योहारों को जोड़ने की प्रेरणा दी जाती है।
विद्यालय के संचालक सुभाशीष चटर्जी आधुनिक और तकनीकि शिक्षा को बढ़ाने के लिए सदैव आगे रहते हुए लैब्स को अत्याधुनिक करवा रहे हैं। उन्होंने बताया कि नवीन शिक्षा नीति "करो और सीखो" के माध्यम से शिक्षा प्रदान करने को कहती है जिसके लिए विद्यालय में सभी प्रकार की प्रयोगशालाओं को आधुनिक बनाया गया है साथ ही उनमें लगातार नवीन उपकरणों को लाया जा रहा है।
रोबोटिक लैब में वह सभी आधुनिक रॉ मैटेरियल उपलब्ध है जो किसी इंजीनियरिंग कॉलेज में उपलब्ध होता है जिसका परिणाम है कि हमारे विद्यार्थी आईआईटी जैसी प्रख्यात संस्थानों द्वारा आयोजित प्रतियोगिताओं में भाग लेकर पुरस्कार प्राप्त करते रहे हैं।
यह प्रोजेक्ट स्कूल की अत्याधुनिक रोबोटिक लैब इंचार्ज नीतीश दूबे के मार्गदर्शन मैं तैयार किया गया है जो छात्रों की रचनात्मकता और विज्ञान-तकनीक की समझ को दर्शाता है।
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